दुर्ग-भिलाई समेत पूरे प्रदेश में गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ किया गया

दुर्ग-भिलाई समेत पूरे प्रदेश में गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ किया गया

भिलाई: पूरे राष्ट्र को एक साथ लाने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में गुरुवार को दुर्ग-​िभलाई समेत पूरे प्रदेश में गृहे-गृहे गायत्री महायज्ञ किया गया।

इस दौरान गायत्री मंदिरों और घरों में गायत्री मंत्र का उच्चारण करते हुए हजारों लोगों ने विश्व कल्याण की भावना से आहुतियां समर्पित की। दुर्ग-भिलाई, बालोद, बेमेतरा जिले में लगभग 5 हजार घरों में यज्ञ किया गया। वहीं पूरे छत्तीसगढ़ में दो लाख घरों में गायत्री यज्ञ हुआ। अभियान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी परिवार सहित शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सुखः-शांति व समृद्धि के लिए गायत्री मंत्र से आहुति समर्पित की।

परिवार इस दौरान लोगों को यज्ञ करने के फायदे भी बताए। कहा कि यज्ञ से वायु शुद्ध होती है। रोग के कीटाणुओं का नाश होता है। यज्ञ से मंत्र शक्ति असंख्य गुना अधिक होकर संसार में फैल जाती है। गायत्री मंत्र की सद्बुद्धि शक्ति को यज्ञों के द्वारा आकाश में फैलाया जाता है।

यज्ञ, अनुष्ठान से मन-मस्तिष्क की विकृतियां दूर होती है कार्यकर्ता मोहन उमरे ने कहा कि यज्ञ और अनुष्ठान की धारा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा बुद्ध पूर्णिमा पर गायत्री यज्ञ कराया गया। इन दिनों पर्यावरण संकट, युद्धोन्माद, भय आतंक, भ्रष्टाचार, अत्याचार, रोग-शोक, पीड़ा, पतन जैसी अनेक विभीषिकाएं और समस्याएं है, उनका एक ही कारण है दुर्बुद्धि के रूप में मानवीय मन-मष्तिष्क में विकृतियों का छा जाना। इन सभी समस्याओं का एक ही समाधान है, मानवीय दुर्बुद्धि को दूर कर उनके चिंतन, चरित्र और व्यवहार को बदलना।