दुनियाभर में फैले बर्ड फ्लू से पहली मौत, कई शहरों में गायों और दूध के माध्यम से भी इंसानों में फैल रहा
दिल्ली. एच5एन1 वायरस (एवियन इन्फ्लूएंजा) कई देशों में तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में अमेरिका के कई शहरों में इसके गायों और दूध के माध्यम से भी इंसानों में फैलने के मामले सामने आए थे। इसी महीने की शुरुआत में भारत में भी एच5एन1 वायरस के मामले बढ़ने को लेकर अलर्ट किया गया था। एच5एन1 वायरस को बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बर्ड फ्लू के कारण दुनिया में पहली मौत की सूचना दी है।
डब्ल्यूएचओ ने 5 जून को बताया कि मैक्सिको में 59 वर्षीय व्यक्ति की बर्ड फ्लू के एच5एन2 स्ट्रेन के कारण मौत हुई है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने यह नहीं बताया कि वह व्यक्ति कैसे संक्रमित हुआ था? रोगी को बुखार, सांस लेने में तकलीफ और दस्त जैसे लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे पहले से क्रोनिक किडनी फेलियर, मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां भी थीं।
केंद्र सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में एवियन इन्फ्लूएंजा को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए 4 राज्यों आंध्र प्रदेश (नेल्लोर जिला), महाराष्ट्र (नागपुर जिला), झारखंड (रांची जिला) और केरल (अलपुझा, कोट्टायम और पथानामथिट्टा जिले) को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी थी।
ये हैं H5N2 के लक्षण
- बुखार आना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- आंखें लाल होना या आंखें आना
- पेट से जुड़ी परेशानियां जैसे डायरिया आदि होना
- सिर और छाती में दर्द होना
- नाक और मसूड़ों से खून आना
ऐसे बचें बर्ड फ्लू से
- बर्ड फ्लू से बचने के लिए ऐसे एरिया में जाने से बचें जहां पक्षी रहते है और पक्षियों से दूर रहें।
- अगर किसी पोल्ट्री फार्म में काम करते हैं तो मुर्गियों आदि को ग्लव्स पहनकर छूएं और मास्क लगाकर रहें। नियमित रूप से सफाई करें।
- पक्षी इस वायरस को अपने मल और पंख के जरिए फैलाते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार के पक्षी या उसके पंख को छूने से बचें
- अगर चिकन खाते हैं तो उससे दूरी बनाएं या उसे अच्छे से पकाकर खाएं।
- ऐसे लोगों से दूर रहें जो पोल्ट्री फार्म में काम करते हैं या पक्षियों के संपर्क में लगातार आते हैं।
- किसी भी शख्स से हाथ मिलाने से बचें और कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
- अगर किसी को बर्ड फ्लू से जुड़े लक्षण होते हैं तो तुरंत ही डॉक्टर से मिलें और इसका उपचार लें। जरूरत हो तो वैक्सीन भी लगवाएं।