छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अतीत की कई धरोहरें हैं, जो एक ही छत के नीचे संरक्षित
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अतीत की कई धरोहरें हैं, जो एक ही छत के नीचे संरक्षित हैं। संग्रहालय में 8वीं शताब्दी से लेकर 16वीं शताब्दी तक की करीब 48 मूर्तियां रखी हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। संग्रहालय में ताड़ के पत्तों पर लिखी रामायण और महाभारत भी मौजूद हैं। इनकी सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे के अलावा केयर टेकर भी हैं।बताया जा रहा है कि यहां अविभाजित जशपुर जिला के समय की भी प्रतिमाएं हैं। धरमजयगढ़, पुजेरीपाली, नेतनागर, बोतल्दा खरसिया के साथ ही कई जगहों से यहां प्रतिमाएं लाई गई हैं। इसमें भगवान विष्णु के साथ ही पाश्र्वनाथ, महिसासुर मर्दिनी, उमा महेश्वर, सती स्तंभ के अलावा कई मूर्तियां हैं।