केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दिए सूत्र पर राज्य में नक्सलवाद और मादक पदार्थों के तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा
रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दिए सूत्र पर राज्य में नक्सलवाद और मादक पदार्थों के तस्करों पर शिकंजा कसा जा रहा है। 23 से 25 अगस्त 2024 तक रायपुर में हुई शाह की रणनीतिक बैठक के बाद इसका असर धरातल पर भी दिख रहा है।10 दिन में 18 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया है। 29 अगस्त को नारायणपुर में तीन महिला नक्सली, तीन सितंबर को दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ियों के भीतर नौ नक्सली मारे गए। पांच सितंबर को छत्तीसगढ़-तेलंगाना बार्डर में छह नक्सली मारे गए हैं।इसी तरह इस दौरान राज्य में मादक पदार्थों की तस्करी के चार बड़े अंतरराज्यीय मामलों का भंडाफोड़ हुआ है। गांजा-अफीम तस्करी के मामलों को पकड़ने के लिए राज्य स्तर पर आइजी-एसपी ने मोर्चा संभाल रखा है। साथ ही राष्ट्रीय एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी सक्रिय है।मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए चार ने चार सूत्र बताए थे। इसके अनुसार राज्य में मादक पदार्थों की पहचान करने, इसके नेटवर्क को नष्ट करने, अपराधियों की धड़पकड़ करने और नशे के आदी व्यक्तियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने 21 जनवरी 2024 को राजधानी रायपुर में एंटी नक्सल आपरेशन के रोडमैप को अंतिम रूप दिया था। उसी समय यह तय किया गया था कि नक्सलियों के खिलाफ अब अंतिम लड़ाई लड़नी है। नक्सलियों के बड़े कमांडरों की गतिविधियों पर नजर रखने, ग्रामीणों को विश्वास में लेकर बड़े नेताओं को लक्ष्य बनाने, नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी रखने, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के नेटवर्क को मजबूत करने, नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करने, राज्यों की सीमाओं पर निगरानी रखने, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से लेकर जिला स्तर तक के जवानों व अधिकारियों को नक्सलियों पर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र निर्णय लेने की छूट देने जैसे निर्णय लिए गए थे। इसके बाद प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार ने ताबड़तोड़ हमले किए। आठ महीने में अब तक 152 नक्सली मारे गए हैं।