छत्तीसगढ़ कांग्रेस न्याय यात्रा की शुरुआत सतनामी समाज के पवित्र स्थल गिरौदपुरी से हुई
छत्तीसगढ़ कांग्रेस न्याय यात्रा की शुरुआत सतनामी समाज के पवित्र स्थल गिरौदपुरी से हो गई है। इस दौरान पीसीसी चीफ ने कहा कि छत्तीसगढ़ जल रहा है। कवर्धा पुलिस कस्टडी में हुई मौत पर हत्या का केस दर्ज होना चाहिए।बैज ने शिवरीनारायण पहुंचकर, भगवान श्रीराम और मां शबरी के दर्शन कर आशीर्वाद मांगा। बैज ने कहा कि न्याय की लड़ाई और यात्रा की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा।यात्रा के दौरान बैज बलौदाबाजार आगजनी, अमर गुफा जैतखाम विवाद, विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी और कवर्धा कांड जैसे संवेदनशील मुद्दों को जनता को बताएंगे।यात्रा का विस्तृत रूट प्लानयह यात्रा छह दिनों तक चलेगी और हर दिन 20-30 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। विभिन्न पड़ावों में कांग्रेस के नेता लोगों से मिलेंगे और सरकार की नीतियों पर चर्चा करेंगे।
पहला दिन (27 सितंबर)
यात्रा की शुरुआत प्रगतिशील सतनामी समाज धर्मशाला से होगी। 20 किमी का सफर तय कर यात्रा पहले दिन अमोदी, छाछी, और कसडोल पहुंचेगी यहां रात्रि विश्राम करेगी।
दूसरा दिन (28 सितंबर)
कसडोल से यात्रा आगे बढ़ेगी और 27.4 किमी की दूरी तय करते हुए लवन, कुम्हारी, सलोनी और रोहांसी पहुंचेगी।
तीसरा दिन (29 सितंबर)
इस दिन यात्रा 29.9 किमी की दूरी तय करेगी, जिसमें ओडान, लटेरा, खरतोरा और भैसा शामिल है।
चौथा दिन (30 सितंबर)
भैसा से यात्रा शुरू होकर 23.5 किमी की दूरी तय करेगी, जहां राइस मिल, माठ, और सारागांव के गांवों को कवर किया जाएगा।
पांचवां दिन (1 अक्टूबर)
यात्रा इस दिन सारागांव, तर्रा मोड़, सेमरिया और सड्डू तक पहुंचेगी, जिसमें कुल 16 किमी की दूरी तय होगी।
छठवां दिन (2 अक्टूबर)
समापन दिवस पर यात्रा सड्डू से मोवा थाना, पंडरी, शास्त्री चौक और मोती बाग होते हुए गांधी मैदान में समाप्त होगी। दीपक बैज और अन्य कांग्रेसी नेता जनसभा को संबोधित करेंगे।
यात्रा को कांग्रेस की आगामी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है, जो खासतौर पर सतनामी समाज को साधने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
कांग्रेस ने इस यात्रा के जरिए राज्य में अपनी स्थिति को और मजबूत करने की योजना बनाई है।
यात्रा के दौरान स्थानीय नेताओं से बातचीत और जनता के साथ सीधे संवाद के जरिए कांग्रेस अपने विरोधियों पर राजनीतिक हमला तेज करने का प्रयास करेगी।
2 अक्टूबर को समापन होने वाली इस पदयात्रा का राजनीतिक महत्व इस बात से भी झलकता है कि इसे गांधी जयंती के दिन रायपुर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में समाप्त किया जाएगा।
इस यात्रा के जरिए कांग्रेस छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से सत्ता में वापसी का रास्ता साफ करने की कोशिश कर रही है।