कुम्हारी के पास छत्तीसगढ़ का पहला पक्षी घर: 768 घोसलों में रहेंगे 2000 पक्षी, जानिए पक्षी घर बनाने का कैसे आया आइडिया
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रायपुर।राजधानी रायपुर के पास कुम्हारी और परसदा गांव के बीच पक्षियों के लिए एक विशाल पक्षी घर बनाया गया है। गौ सेवा समर्पण समिति ने निर्माणाधीन गौशाला ‘विश्व गीता गौधाम’ में लगभग 60 फीट ऊंचा पक्षी घर बनवाया है। गौ सेवा समर्पण समिति के गोपाल प्रसाद सुल्तानिया ने इसका पूरा खर्च उठाया है।सुल्तानिया ने बताया कि पक्षी घर को गुजरात के सिरपुर के विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इसमें 768 घोंसले बने हुए हैं और 1500 से 2000 तक पक्षी रह सकेंगे। इसका आधार स्ट्रक्चर 12 फीट ऊंचा है, जिसके ऊपर 45 फीट ऊंचा अष्टकोणीय आकार का पक्षी घर है। इस परियोजना में लगभग 10 लाख रुपए खर्च हुए हैं। अब पक्षी घर के नीचे जमीन पर बड़ा चबूतरा बनाया जाएगा, जहां पक्षियों के लिए दाना-पानी डाला जाएगा। यह परियोजना पक्षियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।गोपाल प्रसाद सुल्तानिया बताते हैं कि बचपन में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनकर ही उठा करते थे, लेकिन जब वे बड़े हुए तो पक्षी गायब होने लगे। इसका कारण था शहर में ऊंची इमारतें बन जाना, जिससे पेड़-पौधों की जगह नहीं बची। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सुल्तानिया ने पक्षी घर बनाने का फैसला लिया, ताकि शहर में फिर से पक्षियों की चहचहाहट सुनाई दे। उनका सपना है कि शहर की हर बड़ी कॉलोनी और समिति में पक्षी घर बनाया जाए।विश्व गीता गौधाम में बनाई जा रही गौशाला भी अपने आप में अनोखी होगी। इसमें 300 दूध नहीं देने वाली गाय रखी जाएंगी। साथ ही, इसी परिसर में गौ-गोविंद मंदिर भी बनाया जा रहा है, जो प्रदेश में अपनी तरह का पहला मंदिर होगा। गौशाला, पक्षी घर और मंदिर के निर्माण पर लगभग 8 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।