भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव के प्रतिनिधि निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू सहित अन्य के खिलाफ वैशाली नगर थाना पुलिस ने मारपीट के आरोप में अपराध दर्ज किया

भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव के  प्रतिनिधि निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू सहित अन्य के खिलाफ वैशाली नगर थाना पुलिस ने मारपीट के आरोप में अपराध दर्ज किया

भिलाई। भिलाई नगर विधायक देवेन्द्र यादव के विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू सहित अन्य के खिलाफ वैशाली नगर थाना पुलिस ने मारपीट के आरोप में बीएनएस की धारा 296, 115(2), 351(3) और 3(5) के तहत अपराध दर्ज कर जांच में लिया है। वहीं दूसरी ओर इस घटना को लेकर समाज के लोगों में भी आक्रोश है।वैशालीनगर थाना से मिली जानकारी के अनुसार सिम्हाद्री बिसाई पिता स्व विन्दावन बिसाई उम्र 48 नेहरूनगर अटल आवास वार्ड-4 थाना सुपेला ने वैशालीनगर पुलिस को शिकायत में बताया कि 6 अप्रैल 2025 को दोपहर 2 बजे जवाहर नगर स्थित श्री सिंधु पटरानी मदिर में प्रसाद वितरण का कार्य मंदिर समिति के द्वारा किया जा रहा था। प्रसाद वितरण जगह पर समिति द्वारा बैनर लगाया गया था। इस दौरान निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू एवं अन्य द्वारा मंदिर में लगे बैनर को हटाते हुए निरंजन बिसाई ने अपने विधायक प्रतिनिधि वाला बैनर पोस्टर लगा दिया। कार्यक्रम में मौजूद समाज के लोगों ने इसका विरोध किया तो विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई अपने साथियों के साथ मिलकर मारपीट शुरू कर दी। इससे सिम्हाद्री बिसाई और हरि दलाई को काफी चोंटे आई है। FIR के अनुसार इस दौरान विधायक प्रतिनिधि ने जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में आक्रोशित उड़िया समाज के लोगों ने वैशाली नगर थाना का घेराव कर दिया। तत्पश्चात प्रार्थी सिम्हाद्री बिसाई की शिकायत पर वैशाली नगर थाना पुलिस ने विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू सहित अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।

किन-किन धारोओं में क्या-क्या सजा का प्रावधान है

  1. धारा 269 - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 296 सार्वजनिक स्थानों पर अश्लील कृत्यों के तहत दोषी पाए जाने पर तीन महीने तक की सजा या 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है. इस धारा का उद्देश्य सार्वजनिक शालीनता बनाए रखना और सार्वजनिक स्थानों पर अशांति को रोकना है. 
  2. धारा 115(2)-भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2) जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है, जिसके लिए एक साल तक की सजा और 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. यह धारा जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाने या नुकसान पहुंचाने से संबंधित है. 
  3. धारा 351(3)- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 351(3) के तहत, किसी व्यक्ति को मौत या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी देने पर 7 साल तक की जेल हो सकती हैइसके अलावा, जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 
  4. धारा 35- "BNS 35" का अर्थ है भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 35, जो व्यक्ति को अपने शरीर, किसी अन्य व्यक्ति के शरीर, या अपनी संपत्ति (चल या अचल) की रक्षा करने की अनुमति देती है, यदि उसे चोरी, डकैती, शरारत या आपराधिक अतिचार जैसे अपराधों का खतरा हो