आयुक्त ने ली सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों के निराकरण के संबंध में अधिकारियों की बैठक

दुर्ग।सुशासन तिहार-2025 की तैयारियों को लेकर निगम के डाटा सेंटर सभा कक्ष में आयुक्त सुमित अग्रवाल ने आज अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार यह तिहार जनसमस्याओं के त्वरित समाधान, जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा एवं जनसंवाद को सशक्त बनाने हेतु 8 अप्रैल को पहले चरण का शिविर शहर के 6 स्थानों में कार्यक्रम हो चुका है।आयुक्त कहा कि सुशासन तिहार 2025 तीन चरणों में से 12 मई से दूसरा चरण प्रारम्भ हो चुका है। जिसमे अधिकारीगण सुशासन तिहार के माध्यम से आवेदनों का निराकरण आमजन की समस्याओं का समाधान तत्परता से करें ।ताकि उन्हें कहीं और भटकना ना पड़े।समाधान की प्रक्रिया अगले एक माह मे पूर्ण किया जाना है।एक माह के भीतर गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। समाधान शिविर 5 मई - 31 मई 2025 शहर के 6 स्थानों में समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा।इन शिविरों में मौके पर ही समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। शेष आवेदनों का समाधान एक माह के भीतर पूरा किया जाएगा।इस अवसर पर कार्यपालन अभियंता मोहन पूरी गोस्वामी, दिनेश नेताम,वीपी मिश्रा,सहायक अभियंता गिरीश दिवान,सजंय ठाकुर,हरिशंकर साहू,सुरेश केवलानी सचिव रेवाराम मनु सहित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अधिकारियो को निर्देशित में कहाँ लोक सेवा के आवेदन पेंडिंग न रहे, साथ ही बाजार विभाग अपनी पूरी तैयारी करके रखें. प्रधानमंत्री आवास की भौतिक सत्यापन करवाना है. 130 आवेदनों का जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश. उन्होंने कहाँ शहर के 6 स्थानों के शिविर मे प्राप्त आवेदनों के आवेदको के घरों मे जाकर संपर्क करें लोगो से नम्रता से बात कर उन्हें आवेदनो के निराकरण प्रक्रिया की जानकारी पूर्णता के साथ देंगे।लोगो को बताये की आपके आवेदनो को पत्र क्रमांक सहित शासन को भेजा गया है.आवेदनों की जांच के बाद पात्र आवेदनों का निराकरण हेतु शासन से स्वीकृति देते ही तत्काल निराकरण किया जाएगा।आयुक्त ने अधिकारियों से आपसी समन्वय बनाकर कार्य करने और सुशासन तिहार समाधान शिविर में नागरिकों के विश्वास को मजबूत करने का एक सफल और ऐतिहासिक अवसर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने सभी तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।समाधान शिविर का आयोजन 5 से 31 मई यानि तीसरे चरण में होगा। पहले चरण में समाधान शिविरों के माध्यम से आम जनता से शिकायतें, सुझाव और आवेदन लिए जा रहे है। इसमें लोग अपनी समस्याएं स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को सौंप सकते हैं।