निगम द्वारा आबंटित दुकानों का किराया नहीं पटाने वालो पर होगी कार्यवाही

भिलाईनगर। पूर्व विशेष क्षेत्र प्राधिकरण ;साडा द्वारा प्रमुख स्थलों पर दुकान, चबूतरा निर्माण करके उस समय के आवश्यकता के अनुसार आबंटन प्रक्रिया का पालन करते हुए दुकानें आबंटित की गई थी। यह दुकानें आकाश गंगा व्यावसायिक परिसर, सुपेला स्कूल के पास, चंद्रा मोर्या टाकिज के सामने सिरसा रोड, कोहका चौंक, नेहरू नगर, पावर हाउस सब्जी मंडी, उत्तर गंगोत्री, आकाशगंगा थोक सब्जी मंडी में लगभग 1000 से अधिक दुकानों एवं चबूतरो का निर्माण किया गया था। इसमें से प्रमुख रूप से आकाश गंगा प्रेस काम्पलेक्स, व्यवसायिक परिसर, नगर निगम आफिस के समीप स्थित दुकानें उनमें से वर्तमान में इंडियन बैंक भी संचालित हो रहा है। दुकान आवंटन करने का उददेश्य था कि उस समय के बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु स्थान उपलब्ध कराना। जैसे-जैसे दुकानें निर्मित होती गई, उस समय के योजना के अनुसार दुकानें आबंटित की गई है।
प्रत्येक दुकानें अच्छे जगहों पर बनाई गई है। सभी दुकानों का अनुबंध के अनुसार प्रतिमाह किराया निर्धारित किया गया था। जो उस समय के बाजार की उपलब्धता एवं पैसे के मूल्य के हिसाब से किराया तय किया गया था। ₹110, ₹300, ₹648 जो आज के वर्तमान परिपेक्ष्य में बहुत ही कम है। साथ में यह भी अनुबंध था कि प्रत्येक दुकान के किराये में 5 वर्ष बाद 10 प्रतिशत की वृद्वि करना था। कुछ दुकानदार ऐसे भी है, जो दुकान का किराया सन 1992 से जमा नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग पुराने दर पर ही किराये की राशि अभी तक जमा कर रहे है। जब उनके द्वारा खरीदी-ब्रिकी या लीज नवीनीकरण करवाया जाता है, तब निगम के राजस्व विभाग द्वारा पूर्व राशि का गणना करके किराया लिया जा रहा है।
आज आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय राजस्व विभाग के राजस्व अधिकारी एवं संबंधित योजनाओं के कर्मचारियों को बुलाकर फाईलों का अवलोकन किये। प्रत्येक योजना की फाईल के निर्धारित नियम एवं शर्तो को पढ़ने के बाद उन्हे ज्ञात हुआ कि बरसों से दुकान का किराया लंबित है, इसका अंदेखी हो रहा था। उन्होने राजस्व अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारियों को तुरंत निर्देशित किए कि सभी को तत्काल नोटिस जारी किया जाये। इससे निगम को बहुत क्षति हो रही है। निगम के टैक्स वसूलने वाली एजेंसी के ऊपर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे, उसे अपना सॉफ्टवेयर अपडेट करने को आदेशित किये। अच्छे-अच्छे मार्केट क्षेत्रों में दुकान होने के बाद भी किराया नहीं जमा किया जा रहा है। कुछ ऐसे भी व्यापारी हैं जो आवंटित दुकान को किराए में चला रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है। व्यापारियों द्वारा आबंटित दुकान में व्यापार किया जा रहा है, लेकिन किराया नहीं जमा किया जा रहा है। ऐसे सभी लोगो को 15 दिवस के अंदर अपने सभी बकाया राशि को जमा कर देवें अन्यथा निगम द्वारा उनके उपर कार्यवाही करेगा। निगम के वेबसाईड में सभी बकायादारों की लिस्ट नाम एवं बकाया राशि जानकारी डाली जा रही है।