छत्तीसगढ़ में EOW का एक्शन… रायपुर-बिलासपुर में शराब और कोयला कारोबारियों के 10 ठिकानों पर छापा

छत्तीसगढ़ में EOW का एक्शन… रायपुर-बिलासपुर में शराब और कोयला कारोबारियों के 10 ठिकानों पर छापा

रायपुर/ 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को तड़के रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में शराब कारोबारियों के 10 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है।

शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास के साथ होटल व हवाला कारोबारी पिता-पुत्र नितेश व यश पुरोहित की गिरफ्तारी और पुलिस रिमांड पर लेने के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो सक्रिय हो गई है।

बताया जा रहा है कि निरंजन दास से प्रारंभिक पूछताछ में घोटाले में शामिल कई शराब व कोयला कारोबारियों के नाम सामने आए। इसके आधार पर ईओडब्ल्यू की अलग-अलग टीम ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में शराब कारोबारियों के घर दबिश दी।

राजधानी में तीन से चार ठिकानों पर दबिश दी गई है। रायपुरा स्थित शिव विहार कालोनी स्थित शराब कारोबारी अवधेश यादव के घर भी ईओडब्ल्यू की टीम पहुंची है। टीम दस्तावेजों को खंगालने का काम कर रही है। वहीं बिलासपुर में जांजगीर-चांपा और अकलतरा में शराब और कोयला कारोबारी के ठिकानों पर जांच चल रही है।

कोयला कारोबारी के घर छापाजांच एजेंसी ने अकलतरा के आंबेडकर चौक के पास स्थित कोयला व्यापारी के निवास पर छापा मारा है।सुबह से चल रही कार्रवाई में घोटाले से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान सचिवालय में सहायक ग्रेड दो के पद पर पदस्थ रहे जयचंद कोसले के निवास पर सुबह डीएसपी अजितेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने दबिश दी। जयचंद कोसले का बेटा कोयले का कारोबार करता है। टीम घर में दस्तावेजों को खंगाल रही है।

यह है शराब घोटाला

ईडी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लिकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके।

इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को टेंडर दिया था। ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में संशोधन करके यह टेंडर उसी कंपनी को दे दिया गया था।

टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक विधु गुप्ता से भारी कमीशन लिया गया था। यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में सीएसएमसीएल में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, होटल कारोबारी अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया।

ईडी ने जब इन तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे। इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया। ईडी की जांच में कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड आफ क्राइम) से हर महीने कमिशन मिलने का राजफाश होने पर उनकी गिरफ्तारी की गई। लखमा तब से रायपुर जेल में बंद है।