गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति ने मनाया 58वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, कविताओं से गूंजा दुर्गा धाम

गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति ने मनाया 58वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, कविताओं से गूंजा दुर्गा धाम

दुर्ग/ श्री गंजपारा दुर्गा उत्सव समिति पुरानीगंज मंडी गंजपारा दुर्ग द्वारा अपनी परंपरा के अनुरूप प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन दुर्गा धाम पुरानीगंज मंडी में किया गया समिति का या 58 वां वर्ष जिसमें देश के ख्याति प्राप्त कवियों द्वारा अपनी रचना का पाठ किया गया समिति ने कार्यक्रम के प्रारंभ में मां शारदे की पूजा अर्चना दिप प्रज्वलन की एवं छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कवि सुरेंद्र दुबे जी की तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद सम्माननीय विजय बघेल  अध्यक्षता दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर  संरक्षकगण  संतोष रुंगटा, संजय रुंगटा, चतुर्भुज राठी,  किशोर जैन, गंजपारा समिति अध्यक्ष भाई रवि पडीआर  सहित सम्मानितगण के उपस्थिति में स्वागत एवं उद्बोधन पश्चात कवि सम्मेलन संचालन के लिए संचालक कुमार मनोज ने कवि सम्मेलन का प्रारंभ कवित्री कृति चौबे जी को शारदेय वंदना के लिए आमंत्रित कर शारदेय वंदना से कवि सम्मेलन का प्रारंभ किया कवियों ने अपने काव्य पाठ में
कुमार मनोज ने हुकुमतों पर शानदार मुक्तक पढ़ा
जहाँ पर सत्य को सुनकर हुकूमत रूठ जाती है 
वहाँ पर आम जनमानस की क़िस्मत फूट जाती है 
रंगीले देश में निर्माण की जादूगरी देखो 
सड़क अरबों की उद्घाटन से पहले टूट जाती है 
हास्य कवि दीपक शुक्ला दनादन ने राजनीति की वर्तमान स्थिति को हास्य में पढ़ा
मेरे मन की तन्हाई में इक सुंदर कन्या हुई बाधा 
ऐसे मेरा संयम टूटा जैसे संसद की मर्यादा
श्रृंगार की कवित्री कृति चौबे में मां गंगा के उपर शानदार रचना पढ़ लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया
इक नाम तेरा ही तो दिल पर, अंबर से लिखवा कर लाई।
है पावन  जैसे रामचरित-मानस की  कोई  चौपाई।
रमता जोगी जपता माला, जग भूल गया मन मतवाला
उर में तू ही, सुर में तू ही, मन गाता फिरे मलंगा हूँ!
*तेरी प्रीत बनारस कब होगी?* 
*मैं  युगों-युगों से गंगा  हूँ।।*
डाक्टर अनील चौबे हास्य व्यंग के कवि ने शानदार काव्यपाठ किया 
नारी की रक्षा को गिद्ध भी युद्ध, जहाँ निज शक्ति यथा करते हैं॥
सेतु बना करके नल नील शुरू जहाँ सेतु प्रथा करते हैं॥
औषधि ला हनुमान जहाँ, रघुवीर की दूर व्यथा करते हैं ॥
धन्य है भारत देश जहाँ पर काग भी रामकथा करते हैं॥
विररस  के कवि ने अपनी औजपूर्ण कविताओं से श्रोताओं के रोंगटे खड़े कर दिए हरियाणा से आए हास्य रस के कवि अरुण gemini जी ने हरियाणवी अंदाज में हास्य ठहाकौ की धारा बहा दी कार्यक्रम के समापन पर छत्तीसगढ़ के पद्मश्री कवि सुरेंद्र दुबे जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई कार्यक्रम का संचालन समिति के महासचिव मनोज शर्मा ने किया एवं आभार प्रदर्शन समिति के संरक्षक आदरणीय संतोष रूंगटा  ने कियाl