छत्तीसगढ़ में अब महादेव सट्टा ऐप केस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है

छत्तीसगढ़ में अब महादेव सट्टा ऐप केस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है

छत्तीसगढ़ में अब महादेव सट्टा ऐप केस बड़ा सियासी मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस नेताओं पर भाजपा महादेव के प्रकोप का राजनीतिक तंज कस रही है, तो वहीं कांग्रेस कह रही है प्रदेश की साय सरकार के काल में सट्‌टे का काम अब भी "सायं-सायं' चल रहा है। रविवार को सट्‌टा केस में पूर्व CM भूपेश बघेल के नाम पर FIR दर्ज होने के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया।

सट्‌टा ऐप की शुरुआत कुछ ही साल पहले भिलाई के रहने वाले एक जूस शॉप के मालिक ने की। आज की तारीख में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पॉलिटिकल केस महादेव सट्‌टा ऐप बन चुका है क्योंकि इसमें अफसर से लेकर नेताओं तक के शामिल हाेने की बात ED ने की है। इस रिपोर्ट में समझिए इस पूरे कांड को।

ED से ACB पहुंचा केस
मार्च में ही महादेव सट्टा मामले में ED के प्रतिवेदन पर EOW ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी के साथ अज्ञात पुलिस अधिकारियों पर भी FIR दर्ज की गई है।

ED हिरासत में चल रहे गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी नाम के कारोबारी इसी महीने में पकड़े गए और जेल में हैं। 2023 में रायपुर और दुर्ग में छापेमारी कर ED ने इस मामले में कहा था कि प्रदेश के कुछ नेताओं और पुलिस अफसरों की मदद से सट्‌टे का रैकेट चला और विदेशों में पैसे पहुंचाए गए।

भूपेश बघेल को 508 करोड़ देने की बात

ED ने बयान जारी कर बताया था कि महादेव सट्‌टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। 2023 विधानसभा चुनाव से यह दावा, गिरफ्तार किए गए कैश कूरियर (पैसा पहुंचाने वाले प्यादे) असीम दास के हवाले से किया गया।

2 नवंबर को ED ने कूरियर असीम दास उर्फ बप्पा दास के पास से 5.39 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। असीम दास और उसका साथी कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव रायपुर की जेल में बंद है। भूपेश बघेल ने कहा था कि असीम जिस गाड़ी के साथ मिला वो भाजपा नेता की गाड़ी थी।

विधानसभा में उठ चुका है मुद्दा
छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में महादेव सट्टा ऐप मामला उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा महादेव सट्‌टा ऐप वालों के घर बुलडोजर से गिराए जाएं, बड़ी मछली नहीं पकड़ी गई हैं, इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मगरमच्छ भी पकड़े जाएंगे।

मूणत के मुताबिक इस केस में संलिप्त अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने गृहमंत्री विजय शर्मा से विशेष जांच की घोषणा करने की मांग की। इस पर मंत्री शर्मा ने कहा कि जांच ED कर रही है। वो खत्म हो जाए, तो प्रदेश सरकार भी देखेगी। ताजा अपडेट ये है कि ED ने केस की जानकारी प्रदेश सरकार की एजेंसी ACB को दी है इसी के बाद बखेड़ा खड़ा हुआ है।

कांग्रेस बोली ये भाजपा की साजिश
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब चुनाव आता है भाजपा अपने अनुषांगिक संगठन ईडी के माध्यम से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ षड्यंत्र करती है। लोकसभा चुनावों कि तय पराजय से हताश भाजपा के इशारे पर ईडी और ईओडब्लू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कि छवि खराब करने के लिए उनके खिलाफ महादेव ऐप मामले में झूठा मुकदमा दर्ज किया है।

भाजपा बोली- महादेव का प्रकोप तय
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता, विधायक राजेश मूणत ने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर मुकदमा दर्ज होने पर कहा- पूर्व मुख्यमंत्री का दिया गया सार्वजनिक बयान चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा ही है। वे न्यायिक प्रक्रिया का सामना और सम्मान करें।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पतन के साथ ही सुशासन लौट आया है, कानून भी अपना काम कर रहा है। भगवान का नाम लेकर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी रचने वालों पर पर महादेव का प्रकोप बरसना तय है।

जूस बेचने वाले सौरभ ने शुरू किया था महादेव बेटिंग ऐप

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही 'जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी।

सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी। उसका दोस्त रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। 2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उप्पल को भी दुबई बुलवा लिया।

रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया।

सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए दो रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।