छत्तीसगढ़ भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में चूक हुई

छत्तीसगढ़ भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में चूक हुई

छत्तीसगढ़ भिलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में चूक हुई है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के नेताओं ने उनका रास्ता रोका। मेरी गाड़ी रोकी गई। गाली-गलौज की, बदतमीजी की, सुरक्षाकर्मियों से धक्कामुक्की की गई। सरकार डरी हुई है। भिलाई पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की।बघेल ने कहा कि सिरसा गेट पर अचानक से आए और मेरा रास्ता रोके। मेरे सुरक्षा में जो सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, उनसे भी धक्कामुक्की की गई। 2 बार मुझे गाड़ी से उतरना पड़ा। काफिले के पीछे वाली गाड़ी को तो रोक ही लिए। सरकार ने जो सुरक्षा दी, उसमें सेंध हुई है। खुद को ये बजरंग दल के नेता बता रहे थे। सुरक्षा को तोड़ने का आरोप भी लगाया।सरकार डरी हुई, अपने कार्यकर्ताओं से टारगेट करा रही।बघेल ने कहा कि बजरंग दल के नेता कह रहे थे। शायद भिलाई तीन में कुछ घटना घटी थी। उसे वह आतंकी हमला बता रहे थे, आतंकी हमला हुआ है, तो मुझे क्यों बोल रहे सरकार को और प्रशासन को बोलिए। मुझे टारगेट कर रोक रहे थे, ताकि मैं प्रदर्शन में शामिल न हो पाउं। सरकार इतनी डरी हुई है कि अपने कार्यकर्ता से टारगेट करा रहे हैं।भूपेश बघेल ने कहा कि अगर वहां चक्काजाम की सूचना थी, तो उन्हें प्रशासन पहले ही चक्काजाम के बारे में बता देता। उनके सुरक्षाकर्मी दूसरे रास्ते से उन्हें लेकर आते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जैसे मेरे गाड़ी की सायरन बजी, वह अचानक सामने आ गए और गाड़ी रोकी। ये लोग कुछ भी कर लेंगे, लेकिन प्रशासन मौन है।जय श्रीराम और भूपेश बघेल मुर्दाबाद के नारे लगाए।दरअसल, विधायक देवेंद्र यादव और सतनामी समाज के युवाओं को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में कांग्रेस ने दुर्ग में एक दिन का धरना प्रदर्शन आयोजित किया था। भूपेश बघेल भी इसी में शामिल होने जा रहे थे, तभी लोगों ने घेरा और जय श्रीराम और भूपेश बघेल मुर्दाबाद के नारे लगाए।सुरक्षाकर्मियों के मुताबिक सिरसा गेट में प्रदर्शनकारियों ने काफिले को रुकवाया। जब वह गाड़ी से उतरकर प्रदर्शनकारियों से बात करने उनके पास पहुंचे। इस दौरान अभद्र नारे लगाए जाने लगे। जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका तो वो लोग उनसे धक्का-मुक्की करने लगे।इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने पूर्व सीएम को सुरक्षित तरीके से उनकी गाड़ी पर बैठाया और वहां से दुर्ग के लिए रवाना हो गए।