ब्राह्मण समाज दुर्ग की धार्मिक पर्यटन यात्रा
दुर्ग। श्री राजस्थानी गौड़ ब्राह्मण समाज दुर्ग द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व समाज के सभी वर्ग महिला पुरुष एवं युवाओं की धार्मिक स्थल के भ्रमण यात्रा छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल घटारानी जत्माओ झरझरा राजिम गयी।
पवित्र पर्यटन या आस्था पर्यटन का अर्थ है धार्मिक या आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए यात्रा, और धार्मिक स्मारकों और कलाकृतियों को देखना है, इसी उद्देश्य को लेकर दुर्ग राजस्थानी गौड़ ब्राह्मण समाज दुर्ग द्वारा समाज के लोगों की धार्मिक स्थल के भ्रमण की यात्रा रविवार को प्रातः 8 बजे कृष्ण भवन दुर्ग से रवाना हुई।
यात्रा में सबसे पहले समाज के वरिष्ठ मार्गदर्शक रामकिशोर शर्मा राधेश्याम शर्मा ने यात्रा में जा रही 4 बसों की पूजा अर्चना की ओर झंडी दिखाकर बस में बैठे समाज के 190 लोगों को रवाना किया,
समाज के सुरेश शर्मा एवं प्रमोद जोशी ने बताया कि यात्रा में समाज के सभी वर्ग के लोग उपस्थित होकर सबसे पहले राजिम चौक में रुक और सभी राहगिरों को पोहा जलेबी एवं चाय का वितरण किये ततपश्चात यात्रा जत्तमाई माता के दर्शन कर घटारानी के झरनों में नहाकर माता घटारानी का दर्शन किये ।
राजस्थानी गौड़ ब्राह्मण समाज दुर्ग द्वारा धार्मिक आध्यात्मिक उद्देश्यों और धार्मिक स्मारकों कलाकृतियों को देखने के उद्देश्य से निकाली गयी समाज की इस धार्मिक यात्रा में समाज के 190 लोगों शामिल हुए।
समाज के सभी लोगों ने यात्रा में घटारानी के दर्शन पश्चात गरियाबंद जिले के प्राकृतिक सौंदर्य व धार्मिक क्रियाकलापों से परिपूर्ण पांडुका वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुरमुरा के डोंगरी पठार पर स्थित मां झरझरा मंदिर का दर्शन किया जिसकी सुंदरता एवम मन्दिर की साज सज्जन देखकर सभी लोग बहुत खुश होए।
राजस्थानी गौड़ ब्राह्मण समाज की यह पहली यात्रा थी जिसमें इतनी संख्या में महिला पुरुष युवा एवं बच्चे शामिल हुए सभी ने यात्रा के दौरान कहा कि यात्रा में ऐसा नजारा एवं ऐसी व्यवस्थित यात्रा कभी नही देखने को मिला।यात्रा में समाज के सभी लोग घटारानी जत्तमाई में बह रहे सुंदर एवं आकर्षित झरनों का आनंद लेते हुए सभी वही स्नान किये, समाज के सभी लोगों ने यात्रा के दौरान कहा कि अपने छत्तीसगढ़ में ही बहुत से सुंदर आकर्षित एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है जिसका भ्रमण सभी को करना चाहिए।