बसुखिनाथ गरुड़ का विवाद और शंकर विष्णु सवांद की झांकी देखने उमड़ रही भीड़

बसुखिनाथ गरुड़ का विवाद और शंकर विष्णु सवांद की झांकी देखने उमड़ रही भीड़

दुर्ग- प्रदेश में दुर्गाधाम के नाम से जाने जाने वाला दुर्ग में माता दुर्गा के भव्य पंडाल झांकी सजावट मूर्ति देखने सैकड़ों वर्षों से पूरे देश को लोग आते है, दुर्ग में दुर्गा पूजा का विशेष स्थान है जगह जगह माता के पंडाल बने है जिसमें अनेकों स्थान में माता दुर्गा जी की अद्भुत मूर्ति एवं आकर्षित झांकी देखनो को मिलती है,
    दुर्ग की दुर्गा की बात हो और सत्तीचौरा का नाम न आये ऐसा नही हो सकता, पिछले 48 वर्षों से सत्तीचौरा में क्वांर नवरात्र पर्व में मां दुर्गा जी की 18 भुजाओं वाली माता की मूर्ति रखी जाती है जिसका प्रतिदिन श्रृंगार किया जाता है जोकि पूरे प्रदेश के एकमात्र स्थान पर होता है,
    समित्ति के अर्जित शुक्ला ने बताया कि सत्तीचौरा में इस वर्ष माता की अलौकिक मूर्ति के साथ साथ चलित झांकी भी रखी गयी है जिसमें गरुड़ बसुखिनाथ का विवाद एवं शंकर विष्णु सवांद दर्शया गया है, 
   *झांकी विवरण* - गरुड़ द्वारा जब धरती में आकर सभी सर्पो को मारा जाता है तब बसुखिनाथ अर्थात नंदी द्वारा गरुड़ को रोका जाता है जिस पर विवाद हो जाता है जिसे रोकने के लिए स्वयं शंकर विष्णु जी का सवांद होता है, झांकी में प्रवेश द्वार पर 15 फिट ऊंचा राक्षस है जिसके मुहँ के नीचे से लोग दर्शन करने जाते है 20 फिट लंबा एवं 15 फिट ऊंचा साँप है जिसके ऊपर गरुड़ सवार है इस आकर्षित झांकी को देखने प्रतिदिन हजारों लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, 
  समित्ति के ईशान शर्मा ने बताया कि श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मन्दिर में क्वांर नवरात्र पर्व में मन्दिर परिसर की विशेष साज-सज्जा करवाई गई है इस वर्ष माता जी की मूर्ति मेघु मानिकपुरी एवं प्रतिदिन श्रृंगार हेमंत मानिकपुरी कर रहे है, पण्डाल सजावट चक्रधारी टेंट लाइट सजावट जयदुर्गा लाइट एवं चलित झांकी भगत आर्ट एवं  राहुल गुप्ता द्वारा एवं फूल सजावट आकाश भिलाई द्वारा की गयी है।