फिर से दिल्ली में किसान, जानें क्यों कर रहे विरोध क्या है डिमांड?
भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई अन्य संगठनों के बैनर तले एक बार फिर से किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। किसान अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार को संसद परिसर की ओर मार्च करेंगे, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई रूट बदल दिए गए हैं। किसानों का मार्च आज दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू होगा और पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ेगा।
आखिर क्या हैं इनकी मांगे, क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन, जानें 10 प्वाइंट्स में
- एक दिन पहले ही किसानों और प्रशासन के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई थी। किसानों का कहना है कि अधिकारियों ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
- भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को घोषणा की थी कि संसद परिसर तक मार्च नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर सोमवार 2 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
- आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग उठा रहे हैं।
- किसानों की पांच मांगे हैं जिसमें पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत भूखंडों का आवंटन और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
- भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं।
- हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं।
- आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए. ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।
- किसानों को रोजगार एवं पुनर्वास का लाभ दिया जाए।
- हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए।
- 27 नवंबर को किसान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे, जबकि 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा जैसे अन्य किसान समूह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी जैसी मांगों के लिए दबाव डालते हुए 6 दिसंबर से मार्च आयोजित कर रहे हैं।