CGMSC का सबसे बड़ा घोटाला : दुर्ग-रायपुर में अलग-अलग टीमें कर रही हैं छापेमारी, EOW के FIR में पढ़ें, किस तरह हुआ ये स्कैम..?
रायपुर/दुर्ग। CGMSC के अरबों के घोटाले से जुड़े अफसरों और मेडिकल सप्लायर फर्म्स के ठिकानों पर ACB-EOW की छापेमारी जारी है। यह कार्रवाई मोक्षित कॉरपोरेशन के दुर्ग स्थित कार्यालय एवं अन्य ठिकानों पर चल रही है।मिली जानकारी के मुताबिक मोक्षित कॉरपोरेशन में EOW-एसीबी ने दबिश दी है। इस फर्म के संचालकों शांतिलाल चोपड़ा और उनके बेटे शशांक चोपड़ा के घर और ऑफिस में सर्चिंग जारी है। मेडिकल इक्विपमेंट की सप्लाई के अलावा इससे जुड़े अन्य व्यवसाय चोपड़ा फैमिली करती है।यह एक बड़ी फर्म है और कोरोना काल में इस फर्म ने बड़ी सप्लाई स्वास्थ्य विभाग में CGMSC के जरिये की थी। इस दौरान जो सामग्रियां मोक्षित से ली गई उनकी कीमत सामान्य दर से कई गुना ज्यादा भुगतान की गई।बता दें कि मोक्षित ग्रुप ऑफ कम्पनीज के अधीन मोक्षित कारपोरेशन, मोक्षित मेडिकेयर प्रा. लि., मोक्षित इंफ्रा एंड डेव. और मोक्षित निरामयम नाम के फर्म संचालित हैं। जानकारी के मुताबिक 2 दर्जन एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिकारी छापे की कार्रवाई में शामिल हैं। दुर्ग के पुलगांव चौक स्थित ऑफिस और दुर्ग कोर्ट के पीछे खंडेलवाल कॉलोनी स्थित घर समेत सभी भाईयों के घर पर दबिश पड़ी है। सिद्धार्थ चौपड़ा और उनके तीनों भाईयों के ठिकानों पर भी दबिश दी गई है।