एग रोल, चिकन सेंटर के नाम पर बनाई कंपनियां; म्यूल खातों से चीन और मलेशिया भेजे साइबर ठगी के 200 करोड़
रायपुर। 85 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में साइबर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा, राजस्थान से अब तक 72 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। साइबर पुलिस को म्यूल अकाउंट के खाताधारकों द्वारा मलेशिया, चीन सहित अन्य देशों में 200 करोड़ भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं।
सोमवार को पुलिस ने इस मामले में उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के चार अधिकारियों शुभम सिंह ठाकुर, हिमांशु शर्मा, सुमित दीक्षित और अनुपम शुक्ला को भी गिरफ्तार कर लिया है। ये सभी बैंक में सेल्स एक्जीक्यूटिव हैं।
1,100 बैंक खातों की शिकायतें
एक साल में गृह विभाग के क्राइम पोर्टल और जिला पुलिस के पास देशभर के 1,100 बैंक खातों की शिकायतें आई थी। इसमें ठगी के पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ था। इन खातों को ब्लॉक कराने के बाद इन्हीं 1,100 खातों में हुए पैसों के ट्रांजेक्शन की पड़ताल शुरू की गई। जांच के बाद 160 खातों को चिन्हित किया गया।
उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक
इन खातों से ठगी के 85 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इसमें भी 104 खाते उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक की एक ही ब्रांच में खोले गए हैं। इसमें ठगी के 57 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। बताया जा रहा है इस गिरोह के सूत्रधार मनी लांड्रिंग कर विदेश भेजी गई रकम को वापस एक नंबर पर भारत भेजते हैं।
नाइजीरियन गैंग से जुड़े
इस गिरोह में नाइजीरियन गैंग से जुड़े लोग देश के अलग-अलग राज्यों में ठिकाना बनाकर ठगी करने छद्म रूप में सक्रिय हैं। इसके लिए नाइजीरियन गैंग के जालसाज छत्तीसगढ़ में स्टूडेंट वीजा लेकर दिल्ली में बैठे अपने साइबर फ्राड के साथियों की मदद कर रहे हैं।
वेतन 12 हजार इंसेंटिव 50 हजार
सिविल लाइन स्थित उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के गिरफ्तार बैंककर्मियों का वेतन 12 से 15 हजार रुपये है, लेकिन वे ठगों के संपर्क में आकर हर महीने टारगेट से ज्यादा खाते खुलवा रहे थे। बैंक इनके काम को देखकर मुंबई में हर महीने पार्टी देती थी। हर महीने 50 हजार रुपये इंसेंटिव अलग से मिलता था। आरोपितों की संपत्ति की जांच की जा रही है। उसे भी अटैच किया जाएगा।
इन कंपनियों में हर माह 50 लाख
मांझी केटर्स, यादव ट्रेडर्स, निर्मलकर एग रोल, राजू चिकन सेंटर, अजय इंटरप्राइजेस समेत ऐसी कई कंपनियां बनाई गईं। इसमें फर्जी आडिट रिपोर्ट लगाई है। जीएसटी नंबर नहीं हैं। इन कंपनियों के नाम से अलग-अलग बैंक में खाते हैं। उसमें हर माह 50 लाख के ट्रांजेक्शन होते थे।