रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, जानिए उनका राजनीतिक सफर

रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, जानिए उनका राजनीतिक सफर

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की बागडोर अब एक महिला के हाथ में होगी। पार्टी के विधायक दल ने रेखा गुप्ता को अपना नेता चुन लिया है, जिसके चलते वह दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। बीजेपी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है और इस बार एक महिला नेता पर भरोसा जताया है। रेखा गुप्ता कल रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। वह शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक हैं और पार्टी में उनकी पहचान एक सक्रिय जमीनी नेता के रूप में की जाती है। संगठनात्मक क्षमता और मजबूत पकड़ के चलते उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब वह बीजेपी शासित 21 राज्यों में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।हरियाणा के जींद जिले की मूल निवासी रेखा गुप्ता छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं। 50 वर्षीय गुप्ता ने मेरठ से कानून की पढ़ाई की है। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी से लंबे समय से जुड़ी रही हैं। उत्तरी दिल्ली की मेयर के रूप में काम कर चुकी गुप्ता के पास प्रशासनिक अनुभव भी है। वह पार्टी की महिला मोर्चा की प्रभावशाली नेता रही हैं और वर्तमान में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं।रेखा गुप्ता ने इस बार हुए विधानसभा चुनाव में 29,595 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 68,200 वोट मिले थे और उन्होंने आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी को हराया था। कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण कुमार जैन तीसरे स्थान पर रहे थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में बंदना कुमारी ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी, जबकि 2015 में भी यही स्थिति रही थी।2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी ने रेखा गुप्ता को हराया था। उस समय बंदना कुमारी को 57,707 वोट मिले थे, जबकि रेखा गुप्ता को 54,267 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी जेएस नायोल को 2,491 वोट मिले थे। इससे पहले, 2015 में भी उन्हें शिकस्त मिली थी, जब बंदना कुमारी ने 62,656 वोट पाकर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के सुलेख अग्रवाल को उस चुनाव में 3,200 वोट मिले थे।रेखा गुप्ता का छात्र राजनीति से भी गहरा नाता रहा है। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ी रही हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत हासिल कर चुकी हैं।