घर पर सरकारी कामकाज से मुक्ति मिले अफसर-कर्मियों को, फोन डिस्कनेक्ट करने दी जाए छूट,छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भेजा पत्र
भिलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने शासकीय कर्मियों के लिए वेतनमान के अनुसार मोबाइल भत्ता स्वीकृत कर ऑफिस व फील्ड से वापस आने पर मोबाइल फोन डिस्कनेक्ट कर स्वतंत्र रहने का अधिकार देने की मांग की है। संघ के प्रदेश महामंत्री सैय्यद असलम ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ओर मुख्य सचिव विकासशील को भेजे पत्र में कहा है कि डिजिटल दौर में प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को घर पहुंचने पर भी आफिस, कार्यालयों ओर विभाग की रिपोर्ट देनी होती है। इसके चलते अधिकारी-कर्मचारी घर पर भी दफ्तर का काम करते रहते हैं, इससे उनके निजी जीवन में प्रभाव पड़ता है। इंटरनेट ने कार्यालयों को घर तक पहुंचा दिया है। कार्य की अधिकता और जरूरत को देखते हुए अब अधिकारी कर्मचारियों को कार्यस्थल से घर पहुंचने पर मोबाइल फोन डिस्कनेक्ट करने की आवश्यकता है जिससे वे स्वाभाविक रूप से परिवार और परिजनों को अपना समय दे सके और मानसिक ओर शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें ।छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सैय्यद असलम ने बताया कि हम सभी को इस गंभीर मुद्दे पर विचार विमर्श करके इसके लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के संगठनों को भी इसके लिए एक प्लेटफार्म पर आकर बैठक कर विचार करने की जरूरत है। जिससे अधिकारी कर्मचारियों को उनके मौलिक अधिकार मिल सके। महामंत्री सैय्यद असलम ने बताया कि अब समय आ गया है कि सभी कर्मचारियों को मोबाइल भत्ता स्वीकृत किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर क्लास वन ऑफिसर अपने निजी मोबाइल से शासकीय कार्यों के लिए उपयोग करते हैं हालांकि विभिन्न विभागों में अफसर अपने और टेबल पर कार्य करने वालों को कुछ मोबाइल खर्च देते हैं जो वास्तविक खर्च से अत्यंत न्यूनतम होता है। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि राज्य सरकार को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, तृतीय श्रेणी अधिकारी व कर्मचारियों और द्वितीय श्रेणी अधिकारी व कर्मचारियों और प्रथम श्रेणी अधिकारी सभी को वेतनमान के अनुरूप मोबाइल भत्ता स्वीकृत कर आफिस या कार्यालयों व फील्ड से वापस आने पर डिस्कनेक्ट कर मूल रूप से स्वतंत्र रहने का अधिकार देना चाहिए।