CGPSC महाघोटाले के आरोपियों पर FIR दर्ज, CM साय ने ट्वीट कर दी जानकारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराई जाएगी। इस प्रकरण की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से कराये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के परिपालन में आर्थिक अपराध अन्वेषण द्वारा लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी सहित अन्य अधिकारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज CGPSC महाघोटाले के आरोपी पूर्व अधिकारियों एवं नेताओं पर EOW ने FIR दर्ज कर दी है।इस महाघोटाले में अपने भविष्य की बलि देने वाले मेरे सभी बच्चों को आश्वस्त करता हूँ कि आपके साथ हुए अन्याय का हिसाब होगा।गुनहगार बचेंगे नहीं, हम आपकी प्रतिभा का सौदा करने वालों को उनके अंजाम तक पहुँचा कर रहेंगे।गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से जांच कराये जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके परिपालन में गृह (पुलिस) विभाग द्वारा महानिदेशक राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर को अवगत कराया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 जो 170 पदों के लिए ली गई थी और जिसके परिणाम 11 मई 2021 को जारी किए जाने के पश्चात् राज्य लोकसेवा आयोग पर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगे थे।
इन लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज
ननकीराम कंवर व अन्य के माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायती पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष श्री टामन सिंह सोनवानी, तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक एवं शासन तथा आयोग में तत्समय पदस्थ संलिप्त लोकसेवकगण और संबंधित राजनेतागण एवं अन्य के द्वारा अपने-अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तथा राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग की चयन प्रक्रिया वर्ष 2020 एवं 2021 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर चयन परीक्षा में नियम विरूद्ध तरीके से आपराधिक षड़यंत्र करते हुये अपने पुत्र, पुत्री व रिश्तेदारों को कई पात्र योग्य अभ्यार्थियों के बदले इनका चयन शासकीय पदों पर करते हुए शासन एवं उन योग्य अभ्यार्थियों के साथ भ्रष्ट आचरण करते हुये छल कारित किया गया है, जो कि धारा 120 बी, 420, भादवि एवं धारा 7, 7 (क), एवं 12 भ्र.नि.अ. 1998 यथा संशो. 2018 के तहत अपराध कारित किया जाना पाया गया है, अतः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।