सराफा कारोबारी के मकान से लाखों के जेवर और कैश पार
अंबिकापुर। बीती रात बतौली के देवरी बरगीडीह मार्ग पर हनुमान मंदिर से लगे हुए सराफा कारोबारी के सूने घर में चोरों ने धावा बोल लाखों रुपये के नगदी और ज्वेलरी पर हाथ साफ कर दिया। राजेन्द्र मंडावी अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ने बताया कि बड़ी चोरी की घटना पर सूरजपुर से डॉग स्क्वाड को बुलाया गया, परन्तु सफलता नहीं मिली। क्राइम ब्रांच की टीम भूपेंद्र सिंह की अगुवाई में जांच कर रही है। थाना प्रभारी सी पी तिवारी के नेतृत्व में जांच जारी है, सायबर क्राइम टीम को भी मोबाइल सर्विलांस के लिए लगाया गया है।दपांशु ज्वेलर्स के संचालक मुकेश सोनी ने बताया कि गुरुवार को साप्ताहिक बाजार था। दुकान बंद करने के बाद रात्रि आठ बजे अम्बिकापुर चले गए। वे सभी परिवार सहित ससुराल गए, जहां उनकी सास का आंख का ऑपरेशन हुआ था, उन्हें देखने गए थे। रात्रि में खाना खाकर वापस आ रहे थे,परन्तु परिवार वालों के रोकने पर रुक गए। सुबह 8 बजे सपरिवार वापस आये।तब देखा कि घर के मुख्य द्वार की कुंडी टूटी हुई है, और दो कमरे खुले हुए हैं।एक कमरे में दोनों पुत्र हिमांशु और दिव्यांशु रहते हैं। दूसरे कमरे में मुकेश सोनी और उनकी पत्नी सुनीता सोनी का शयनकक्ष है। चोरों ने दोनों पुत्रों के कमरे को खोल कर देखा और मुकेश सोनी के कमरे को पूरी तरह से खंगाल डाला। शायद चोरों को पता था कि सब कुछ उन्हें मुकेश सोनी के कमरे में ही मिलेगा। चोरों ने मुकेश सोनी के कमरे से लाखों रुपये नगदी और सोने-चांदी के जेवरों पर हाथ साफ कर दिया। दुकान से बिक्री के ढाई लाख, लगभग 25 तोला सोने के जेवर,1 किलो चांदी के जेवर जो दुकान में विक्रय के लिए होते थे, चोरी हो गये। प्रतिदिन जेवरों को दुकान ले जाते थे और शाम को घर ले आते थे।सुनीता सोनी ने बताया कि स्टील के तीन बड़े गुल्लक, जिसमें से दो भरे हुए थे तथा एक आधे से ज्यादा भरा था, उसे गुल्लक सहित चोर ले गए। तीनों गुल्लक में दो लाख से ज्यादा रुपये थे। उनके घरेलू जेवर लगभग दस तोले के थे, उन्हें भी चोर ले गए। अप्रैल में बड़े लडक़े हिमांशु की शादी थी, खरीददारी के लिए रुपये रखे थे। चोरों ने लगभग 35 तोले सोने के जेवर, एक किलो चांदी के जेवर और साढ़े चार लाख रुपये चोरी की घटना को अंजाम दिया है। बड़ी चोरी की घटना पर सूरजपुर से डॉग स्क्वाड के जैकी को लाया गया था,परन्तु असफल रहा। तीन बार कोशिश की गई परन्तु घर के आसपास ही चक्कर काटता रहा,कोई सफलता नहीं मिली।