भिलाई में प्रोफेसर पर साजिशन हमला: फरार आरोपियों पर पुलिस ने की इनाम की घोषणा

भिलाई में प्रोफेसर पर साजिशन हमला: फरार आरोपियों पर पुलिस ने की इनाम की घोषणा

भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई खूबचंद बघेल महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हुए जानलेवा हमले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। घटना 19 जुलाई 2024 की है, जब 57 वर्षीय प्रोफेसर पर ग्रीन वेली, भिलाई-3 में हमला हुआ। रास्ता रोककर हमलावरों ने लाठी-डंडों से प्रोफेसर को बुरी तरह पीटा, जिससे उनके शरीर पर कई जगह गंभीर चोटें और फ्रैक्चर हो गए। फिलहाल उनका इलाज दिल्ली में चल रहा है।मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुर्ग पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 3 मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं। फरार आरोपियों की तलाश में दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने 10-10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। पुलिस ने इन आरोपियों पर लुकआउट सर्कुलर भी जारी कर दिया है और उनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है|हमलावरों ने 2 बाइकों पर सवार होकर प्रोफेसर विनोद शर्मा को रास्ते में रोका। उनके साथ पहले गाली-गलौज की और फिर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस क्रूर हमले से प्रोफेसर गंभीर रूप से घायल हो गए, और उनके शरीर पर कई जगह फ्रैक्चर हो गया। पुलिस के मुताबिक, हमला एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था, जिसमें भिलाई-चरोदा निगम के ठेकेदार की संलिप्तता पाई गई है।जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि प्रोफेसर पर हमला कराने के पीछे भिलाई-चरोदा निगम के ठेकेदार प्रोबीर कुमार शर्मा का हाथ था। पुलिस ने तीन फरार आरोपियों – प्रोबीर शर्मा, शिवम मिश्रा और धीरज वस्त्रकार के पोस्टर भिलाई के विभिन्न इलाकों में चिपका दिए हैं। आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।इस मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की मदद से 19 अगस्त को मध्यप्रदेश के रीवा से तीन आरोपियों प्रिंस उर्फ प्रसून पांडेय , अमन उर्फ उत्कर्ष द्विवेदी  और करण पाठक को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों के बयान से इस षड्यंत्र की पूरी योजना का खुलासा हुआ है।मुख्य आरोपी प्रोबीर कुमार शर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके साथ ही आरोपी करण पाठक की जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। पुलिस ने साफ किया है कि जरुरत पड़ी तो फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी अगर वे जल्द गिरफ्तार नहीं होते।