अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के बाद,पंकज त्रिपाठी को असली गैंगस्टर्स मानने लगे थे आदर्श
अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' साल 2012 की सबसे चर्चित फिल्म थी। इस फिल्म के दोनों पार्ट को न सिर्फ दर्शकों ने पसंद किया, बल्कि समीक्षकों ने भी इसे खूब सराहा। इस फिल्म के हर किरदार ने अपनी छाप छोड़ी, जिसकी लिस्ट काफी लंबी है। इस फिल्म से पंकज त्रिपाठी को भी बड़ा ब्रेक मिला था। फिल्म पंकज ने एक खूंखार कसाई सुल्तान कुरेशी की भूमिका निभाई थी। पंकज की इस भूमिका को दर्शकों ने खूब पसंद किया आलम यह रहा कि वास्तविक जीवन के गैंगस्टरों ने उनसे संपर्क करने लगे थे। हाल ही में पंकज ने एक साक्षात्कार में इसका खुलासा किया।
पंकज त्रिपाठी इस समय बॉलीवुड के सबसे सफल और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक हैं। फिलहाल वो अपनी अपकमिंग फिल्म 'मै अटल हूं' को लेकर चर्चा में हैं। पंकज को अनुराग कश्यप की गैंग्स ऑफ वासेपुर में बड़ा ब्रेक मिला था। फिल्म में वे कसाई की भूमिका में थे, जो लोगों को खूब पसंद आया। अब पंकज ने अपनी भूमिका को लेकर दिलचस्प खुलासा किया है। एक साक्षात्कार में पंकज ने कहा, फिल्म हिट के बाद कई रियल गैंगस्टर ने मुझसे संपर्क किया था। उस समय उत्तर और दक्षिण भारत के कई गैंगस्टर मुझे अपना आदर्श मानने लगे थे'।
पंकज ने बताया कि फिल्म में मेरा सुल्तान कुरैसी का किरदार लोगों को खूब पसंद आया था। उन्होंने कहा, 'उन्हें लगा कि सुल्तान जो फिल्म में बोलता है वही करता है और फिल्म में उसका किरदार भी अच्छा है। इसलिए उन्हें सुल्तान बहुत पसंद आया।' पकंज ने आग कहा, 'इसके बाद उन्हें स्क्रिप्ट सुनाने आने वाले कई लेखक उनसे डरने लगे थे। वे सोचते थे कि शायद मेरी जेब में चाकू होगा। कई लेखक को ऐसा भी लगता था कि कहानी सुनाने के दौरान मैं कहीं चाकू ना निकाल लूं'।
साक्षात्कार में पंकज ने रामगोपाल वर्मा से अपनी पहली मुलाकात के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा फिल्ममेकर रामगोपाल वर्मा ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। रामू मेरे सामने बैठ गए और मुझे देखने लगे। उन्होंने करीब 15 मिनट तक उन्होंने मुझे देखा। यदि कोई आपको 10-15 मिनट तक देखता रहे, तो जाहिर है कि आपको अजीब लगेगा और आपको समझ नहीं आएगा कि अब आप कहां देखें! फिर उन्होंने मुझे जाने के लिए कहा और कभी वापस नहीं बुलाया।'
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गौरतलब है कि पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'मैं अटल हूं' 19 जनवरी 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इसे मराठी सिनेमा के जाने माने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक रवि जाधव ने निर्देशित किया है। फिल्म की कहानी ऋषि विरमानी और रवि जाधव ने मिलकर लिखी है।
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