ताराचंद शर्मा मथुरिया की कृति महाबाहो कहानी संग्रह का विमोचन
दुर्ग। साहित्यकार मथुरिया द्वारा लिखित कहानी संग्रह महाबाहो का विमोचन पंचवटी पैलेस नदी रोड में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रखर वक्ता एवं साहित्यकार कनक तिवारी थे। अध्यक्षता साहित्यकार तुंगभद्र सिंह राठौर ने की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चन्द्राकर और विशेष अतिथि दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य समिति अध्यक्ष श्रीमती सरला शर्मा, जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सुश्री नीता जैन, हास्य कवि मूलचंद शर्मा, अभिभाषक साहित्य संसद दुर्ग अध्यक्ष आर.एस यादव, सचिव श्रीमती कंचनबाला मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, अध्यक्ष व विशेष अतिथिगण का ताराचन्द्र शर्मा, आशीष शर्मा, गोपाल शर्मा ने सम्मान किया। रचनाकार का परिचय पुष्पलता साहू अधिवक्ता नें दिया तथा स्वागत भाषण संजीव तिवारी ने दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कनक तिवारी ने अनेक संस्मरणों के माध्यम से कृतिकार ताराचन्द्र शर्मा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी विद्ववता, सरलता व बहुमुखी प्रतिभा को याद किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष तुंगभद्र सिंह राठौर ने कहा कि कृतिकार ताराचन्द्र शर्मा ने इस आयु में भी युवकोचित उत्साह व भाव के साथ साहित्य, अध्यात्म साधना तथा विधि के क्षेत्र से जीवंतता के साथ अपने को जोड़े रखा है। कृतिकार बहुमुखी प्रतिभा के धनी है उनका अस्मिन क्षणे नामक काव्य संग्रह पूर्व में प्रकाशित हो चुका है और अब कहानी संग्रह महाबाहो का विमोचन हुआ है जो कहानी के क्षेत्र में अपना स्थान बनायेगी।
विशेष अतिथि श्रीमती सरला शर्मा ने कहानी संग्रह महाबाहो की कहानियों का विस्तृत विश्लेषण किया तथा उन्हें पठनीय बताया। सुश्री नीता जैन ने कहा कि ताराचन्द्र शर्मा के मार्गदर्शन में विधि के क्षेत्र में अनेक अधिवक्ताओं ने विधि में और स्वयं को पारंगत किया तथा वे विधिवेत्ता के रूप में आज भी सकिय है और युवा अधिवक्ताओं को प्रेरणा देते हैं। आरएस यादव ने महाबाहो कहानी संग्रह की कहानियों पर चर्चा करते हुए कहानीकार के बारे में भी उद्गार व्यक्त किया है। श्रीमती कंचनबाला ने कहानियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि कहानीकार ने कहानियों के साथ न्याय किया है। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार योगेश पाण्डेय व आभार प्रदर्शन अधिवक्ता आशीष कुमार शर्मा ने किया। कहानी संग्रह के विमोचन अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव रविशंकर सिंह, अभयराज सिंह, राम पाटणकर, गिरिजाशंकर सिंह, प्रशांत जोशी, बृजकिशोर पाण्डेय, राजेश महाडिक, अनिल जायसवाल, प्रमोद शर्मा श्रीमती रमा श्रीवास्तव, श्रीमती योगिता सिंह ललखेर, डॉ. नौशाद सिद्धिकी, अनुराधा बख्शी, नीलम जायसवाल, सुभाष सत्तपथी, नरसिंह राम वर्मा के अलावा अन्य साहित्यप्रेमी व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।