भिलाई में पार्षद के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, फर्जी जाती दस्तावेज के आधार पर लड़ा था चुनाव, राजनीतिक गलियारों में मची खलबली
भिलाई. दुर्ग जिले से एक बड़ी खबर आई है जिससे राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है. फर्जी जाती प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाले भिलाई नगर निगम के वार्ड 35 के पार्षद के खिलाफ सुपेला पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है.जानकारी के अनुसार भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और वार्ड 35 के छाया पार्षद चंदन यादव ने सुपेला थाने में अपराध दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि साल 2021 में नगर निगम भिलाई का चुनाव हुआ था। उसमें इंजीनियर सलमान ने फर्जी व कूटरचित दस्तावेज पेश करके पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने ओबीसी कैटेगरी से चुनाव जीता है।शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने बताया है कि निर्वाचन के दौरान इंजीनियर सलमान ने जो ओबीसी सर्टिफिकेट जिला निर्वाचन आयोग में जमा किया है उसका क्रमांक 363/ब-221/2015-16 है। ये सर्टिफिकेट 15 जून 2016 में बना था। जब एसडीएम दुर्ग के कार्यालय से इस जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित कापी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तो इस क्रमांक का जाति प्रमाण पत्र किसी नोमिता देशमुख के आधार जारी किया गया है। भोजराज सिन्हा ने बताया कि भिलाई नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में पार्षद पद के चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग ने आरक्षण रोस्टर जारी किया था।इसके तहत शारदापारा वार्ड 35 को ओबीसी कैटेगरी में रखा गया था। इंजीनियर सलमान के पास ओबीसी जाति प्रमाण पत्र नहीं था। इसके बाद भी उन्होंने किसी दूसरे की जाति प्रमाण पत्र पर अपना नाम अंकित करवाकर उसे निर्वाचन आयोग के सामने पेश किया और चुनाव लड़कर आज वहां के पार्षद और निगम का एमआईसी मेंबर है। इस आधार पर सलमान का निर्वाचन फर्जी है। इस बारे में उप सभापति इंजीनियर सलमान का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बहरहाल सुपेला थाना पुलिस ने आम आदमी पार्टी से वार्ड 35 के पार्षद इंजीनियर सलमान के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों का दुरुपयोग और जानबूझ कर दस्तावेजों में कूटरचना का मामला दर्ज किया है।