पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज के द्वारा मालखाना प्रभारियों के लिए एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज के द्वारा मालखाना प्रभारियों के लिए एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज  राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में मालखाना प्रभारियों की एक दिवसीय रेंज स्तरीय कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी कला मंदिर, सिविक सेंटर, भिलाई में किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य मालखाना रजिस्टर के संधारण, जब्ती माल के प्रबंधन, और मालखाना संचालन के नियमों का गहन प्रशिक्षण प्रदान करना था।

कार्यशाला में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज  राम गोपाल गर्ग, पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेंद्र शुक्ला, उप संचालक लोक अभियोजन दुर्ग श्रीमती अनुरेखा सिंह, उपसंचालक लोक अभियोजन बालोद  प्रेमेंद्र बैसवाडे और उपसंचालक लोक अभियोजन बेमेतरा श्रीमती कंचन पाटिल ने प्रशिक्षण दिया।


               पुलिस अधीक्षक दुर्ग, जितेंद्र शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि मालखाना थानों का एक महत्वपूर्ण अंग है। मालखाना की सही देखरेख, संधारण, और लंबित मामलों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने के लिए पुलिसकर्मियों को नियमित प्रशिक्षण देना अत्यंत आवश्यक है।

           पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज, राम गोपाल गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि मालखाना में जप्त किए गए वाहनों, मर्ग विसरा, कैश और एनडीपीएस मामलों में जब्त सामग्री की सुरक्षा और प्रबंधन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जप्त माल को केंद्रीय मालखाना में रखने के लिए निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए और इस विषय पर जारी की गई बुकलेट का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए।

*विशेषज्ञों के विचार*
उपसंचालक लोक अभियोजन बालोद, प्रेमेंद्र बैसवाडे ने अपने सत्र में कहा कि मालखाना के प्रबंधन और संधारण के लिए पुलिसकर्मियों को संबंधित नियमावली और विशेष अधिनियमों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि मालखाना पंजी के 12 कॉलम का सही उपयोग और उसमें दर्ज सूचनाओं का सटीक संधारण बेहद महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से जब्ती माल के निराकरण में न्यायालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

उपसंचालक लोक अभियोजन बेमेतरा, श्रीमती कंचन पाटिल ने भी मालखाना प्रबंधन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि मालखाना में जप्त सामग्री और वाहनों के उचित संधारण और रिकॉर्डिंग का महत्व है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सुपुर्दनामा तैयार करते समय विशेष ध्यान रखा जाए और माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों का सही तरीके से संधारण किया जाए। यह प्रक्रिया न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए भी आवश्यक है।

उपसंचालक लोक अभियोजन दुर्ग, श्रीमती अनुरेखा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मालखाना रजिस्टर में जब्ती माल के इंद्राज और एफएसएल परीक्षण से संबंधित प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अभियोग पत्र में जब्ती माल से संबंधित जानकारी को सही ढंग से दर्ज करने और सुपुर्दनामा की प्रक्रिया का पालन करने पर विशेष जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सटीकता और समय पर प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया।

अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी
इस कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग  अभिषेक झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण  वेद व्रत सिरमौर, डीएसपी  संजय पुंढीर, डीएसपी हरीश पाटिल, डीएसपी श्रीमती शिल्पा साहू, डीएसपी  पनिक राम कुजूर, डीएसपी चंद्र प्रकाश तिवारी, डीएसपी बेमेतरा  मनोज तिर्की, डीएसपी बालोद  राजेश बांगडे, रक्षित निरीक्षक दुर्ग  नीलकंठ वर्मा सहित दुर्ग रेंज के 60 से अधिक मालखाना मुंशी और सहायक उपस्थित थे।

मालखाना प्रभारियों को दिए गए इस प्रशिक्षण से उनके दायित्वों और प्रक्रियाओं के प्रति जागरूकता में वृद्धि हुई है, जिससे थानों में जब्ती माल का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा।