दुर्ग स्थित सभागार में रेंज स्तरीय एक दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

दुर्ग स्थित सभागार में रेंज स्तरीय एक दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

भिलाई नगर।आईजी दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में रक्षित केन्द्र दुर्ग स्थित सभागार में रेंज स्तरीय एक दिवसीय फिंगर प्रिंट प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसमें फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ राकेश नरवरे रायपुर-दुर्ग संभाग द्वारा अपराध विवेचना में नवीन तकनीक के इस्तेमाल के रूप में घटित अपराध में फिंगर प्रिंट की महत्ता, फिंगर प्रिंट पहचान से विवेचना अधिकारी को किसी भी अपराध में वांछित अपराधी के रिकार्ड की पड़ताल एवं पहचान के उद्देश्यएवं फिंगर प्रिंट लेते समय बरती जाने वाली सावधानियों एवं उसके रख-रखाव के तरीकों को बारीकी से समझाया और नेफिस में लिये गये फिंगर प्रिंटों को एकजाई अपलोड करने संबंधी प्रणाली को समझाया।आईजी गर्ग ने पुलिस कर्मचारियों से कहा कि वैज्ञानिक युग में ज्यादा से ज्यादा साइंस का इस्तेमाल क्राइम इन्वेस्टिगेशन में किया जाए।इसके काफी फायदे हैं।इसे सबसे बड़ा फायदा यह है कि जांच में पारदर्शिता आती है और संदेह की कोई संभावना नहीं रहती है।कार्यशाला में एएसपी सुखनंदन राठौर, सीएसपी चिराग जैन, डीएसपी एलेक्जेंडर कीरो, चंद्रप्रकाश तिवारी, नीलकंठ वर्मा आरआई रक्षित केन्द्र दुर्ग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।रेंज अंतर्गत विभिन्न थानों में पदस्थ कोर्ट मोहर्रिर/एमओबी/कोलेटर आरक्षक (जिला बालोद से 30 प्रशिक्षणार्थी, जिला बेमेतरा से 12 प्रशिक्षणार्थी एवं जिला दुर्ग से 76 प्रशिक्षणार्थी) कुल 120 से अधिक प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण कार्यशाला में सम्मिलित हुए।