मुठभेड़ में जवानों से लूटे गए 11 हथियारों की पहचान, जिस मदनवाड़ा में एसपी हुए बलिदान, वहां से लूटी इंसास भी बरामद

मुठभेड़ में जवानों से लूटे गए 11 हथियारों की पहचान, जिस मदनवाड़ा में एसपी हुए बलिदान, वहां से लूटी इंसास भी बरामद

दंतेवाड़ा। अबूझमाड़ (नारायणपुर) के थुलथुली में महीने भर पहले हुई अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ में मिले अत्याधुनिक हथियारों में से 11 हथियारों की पहचान हो गई है, जो नक्सलियों ने दो दशक में विभिन्न अलग-अलग मुठभेड़ों में फोर्स से लूटा था। इस मुठभेड़ में डीकेएसजेडसी मेंबर स्तर की नक्सली नीति उर्फ उर्मिला समेत 38 नक्सली मारे गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बरामद हथियारों में से एक इंसास नक्सलियों ने 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा मुठ मुठभेड़ में लूटा था, जिसमें एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवान बलिदान हुए थे।अबुझमाड़ के थुलथुली नेंदुर में बरामद दो दर्जन से अधिक हथियारों की पहचान की कोशिश में पुलिस जुटी हुई थी। ज्यादातर एके-47, इंसास, एसएलआर, इंसास एलएमजी, यूबीजीएल, 2 इंची मोर्टार जैसे हथियार पुलिस व अर्धसैनिक बलों से लूटे हुए हैं, लिहाजा इसमें दर्ज सीरियल नंबर और आबंटित कोड से हथियारों की पहचान की जाती है। अन्य हथियार नक्सलियों के कारखाने द्वारा निर्मित स्वदेशी बंदूकें और जुगाड़ वाली होते हैं।थुलथुली मुठभेड़ में बरामद हथियार सात मुठभेड़ों से लूटे गए हैं, उन मुठभेड़ों में फोर्स के कुल 126 जवान बलिदान हुए थे। इन मुठभेड़ों में 24 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुरकापाल में हुई मुठभेड़ में 25 जवानों को बलिदान कर लूटी गई एलएमजी, नारायणपुर के झारा कैंप से निकले जवानों पर 9 जून 2011 को हमला कर लूटी गई एक एके 47, 24 जनवरी 2018 को नारायणपुर इरपानार में चार जवानों को बलिदान कर लूटी गई एके 47 मिली है।नारायणपुर के नटुमपारा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन जवान को शहीद कर लूटी गई एक इंसास राइफल, तीन अप्रैल 2021 को बीजापुर के टेकुलगुड़ेम में 23 जवानों को बलिदान कर लूटे गए हथियारों में से 1 एके-47, 11 मार्च 2014 को सुकमा के टहाकवाड़ा में 11 सीआरपीएफ और जिला बल के चार जवानों के बलिदान के बाद लूटे गए हथियारों में से एक इंसास मिली है।इसी तरह 18 मई 2016 को बीजापुर के बासागुड़ा थाने में पकड़कर रखा गया नक्सली वहां से यूबीजीएल छीनकर ले गया था। वह भी बरामद हुई है। 13 मई 2003 को दंतेवाड़ा के गीदम थाना को लूटकर ले जाए गए हथियारों में से एक एसएलआर, 10 मई 2003 को धमतरी के मांदागिरी में 11 जवानों की हत्या कर लूटे गए हथियारों में से एक एसएलआर मिली, एनएमडीसी माइनिंग पर 9 फरवरी 2006 को आठ सीआइएसएफ जवान की हत्या कर लूटे गए हथियारों में से एक एसएलआर और सुकमा-बीजापुर के टेकलगुड़ेम मुठभेड़ में 23 जवानों को शहीद कर लूटे गए हथियारों में से एक एके 47 मिली है।थुलथुली मुठभेड़ में अत्याधुनिक स्नाइपर रायफल भी मिले थे। मुठभेड़ स्थल में नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा बरामद हुआ, जिनमें एक इंसासा एलएमजी, चार एके-47, छह एसएलआर, तीन इंसास, दो 303 रायफल और नक्सलियाें द्वारा निर्मित स्वदेशी हथियार व गोला-बारूद शामिल हैं। सबसे खास बात यह रही कि इनमें से तीन एके-47 को नक्सलियों ने स्नाइपर रायफल के तौर पर इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि हुई। इन अत्याधुनिक हथियारों में अलग से उपकरण लगाए गए थे।