राजभवन में धूमधाम से मनाया गया बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों का स्थापना दिवस’

राजभवन में धूमधाम से मनाया गया बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों का स्थापना दिवस’

 

रायपुर : ’ ’राजभवन में धूमधाम से मनाया गया बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों का स्थापना दिवस’

’राजभवन में धूमधाम से मनाया गया बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों का स्थापना दिवस’

राजभवन में आज बिहार, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना और सिक्किम राज्यों का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान और समझ से भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।
केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाएगें। इसी कड़ी में राजभवन में यह कार्यक्रम आयोजन किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले गुजराती, बिहारी, उड़िया, तेलुगू समाज और सिक्किम के लोगों ने उत्साह पूर्वक हिस्सा लिया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह गर्व विषय है कि आज हमारे बीच बिहार, ओडिशा, गुजरात, सिक्किम और तेलंगाना राज्यों के लोग हैं, जो हमारे जीवन को समृद्ध बना रहे हैं और छत्तीसगढ़ के उत्थान और विकास में योगदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने और इसकी प्रगति को आगे बढ़ाने में इन राज्यों के नागरिकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उनकी उपस्थिति से न केवल विविधता आई है बल्कि नए विचारों और दृष्टिकोणों का भी संचार हुआ है।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने इन विभिन्न राज्यों की विशेषताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बुद्ध और महावीर की भूमि बिहार ने मानव जाति को शांति और अहिंसा का संदेश दिया। शिक्षा के केंद्र नालंदा ने हमारे ज्ञान और संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। छत्तीसगढ़िया और उड़िया भाई-भाई हैं और दोनों राज्यों की संस्कृति एक-दूसरे से मिलती-जुलती हैै। पश्चिमी ओडिशा का छत्तीसगढ़ के साथ सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक सद्भाव है। संबलपुरी कपड़ा और संगीत छत्तीसगढ़ के जीवन का हिस्सा बन गया है और लगभग 30 लाख उड़िया लोग छत्तीसगढ़ में रहते हैं तथा राज्य के विकास में योगदान दे रहे हैं।